Shamshera Public Review: 'शमशेरा' ने रणबीर कपूर को दिया धमाकेदार कमबैक, फैंस बोले- ब्लॉकबस्टर होगी
Shamshera Review: बॉलीवुड को जिस संजीवनी की जरूरत थी, रणबीर कपूर और संजय दत्त की फिल्म वो लेकर हाजिर हो गई है. डायरेक्शन की बात करते हैं. करण मल्होत्रा का काम गजब का कहा जाएगा. जिस स्केल की ये फिल्म थी, जितना बड़ा बजट था, एग्जीक्यूशन पर ही सब कुछ निर्भर था. फिल्म देखने के बाद कह सकते हैं कि करण को इस मामले में ए ग्रेड देना पड़ेगा. कहानी आजादी से कई साल पहले खमेरा जाति के लोग सीना तानकर चला करते थे. छोटी जाति के थे, इसलिए उनके संघर्ष जरूर थे, लेकिन एकता ऐसी कि कोई उन्हें डिगा नहीं पाया. लेकिन फिर मुगलों का शासन आया और खमेरा जाति के लोगों को अपना घर-बार सब छोड़कर जाना पड़ गया. यहां भी उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ और अंग्रेसों ने भारत पर कब्जा जमाया. उनके आते ही खमेरा के बुरे दिन शुरू हो गए. खमेरा का सरदार था शमशेरा (रणबीर कपूर). ये लोग डकैती करते थे, कहते थे- कर्म से डकैत, धर्म से आजाद. ये इनकी जाति का मूल मंत्र था. अब डकैत तो ये बने रह गए लेकिन अंग्रेजों ने इनकी आजादी छीन ली. धोखा देकर उन्हें बंदी बना लिया. काजा का कोई किला है, जहां इन सभी खमेराओं को पकड़ कर रखा गया. कैसे आए, क